आस पास की दुनिया ।
“अगर अपने आस पास की दुनिया ख़ूबसूरत है तो दुनिया में कुछ भी बुरा नहीं लेकिन अपने आस पास की दुनिया में ख़ुशी न हो तो कुछ भी अच्छा नहीं” […]
“लक्ष्य, कुछ करने का”
आज तक के अपने अनुभव से मैंने सीखा कि जरूरी नही है कि ज़िंदगी में कुछ करने के लिए या कुछ हासिल करने के लिए हमें शुरुआत से ही अपना […]
बदलती दुनिया में बदलती ज़िंदगी।
न जाने इस दुनिया में और मनुष्य की ज़िंदगी में यह कैसा बदलाव आ रहा है , पल पल ज़िंदगी बदल रही है । क्या बोल रही है यह […]
एक दास्तां जिसे मैं सिर्फ इंसानों
मैं हमेशा से ही इस प्रश्न का जवाब जानने में काफी दिलचस्पी रखता था कि धरती पर डायनासोर, वनमानुष, सफेद गैंडे या फिर फला-फला पक्षी या जानवर धरती से […]
कोरोना को ख़त।
प्रिय कोरोना, तुम हो तो ख़राब और बहुत कुछ ख़राब ही करा है, हर तरफ तुम्हारा ख़ौफ़ का साया है। सारी दुनिया को तुमने थमा सा दिया हैं मगर तुम […]