न जाने इस दुनिया में और मनुष्य की ज़िंदगी में यह कैसा बदलाव आ रहा है , पल पल ज़िंदगी बदल रही है । क्या बोल रही है यह ज़िंदगी की नई दास्तान , कहाँ ले जा रही है ज़िंदगी कोई नहीं जानता।
क्या हमेशा ऐसा ही चलता रहेगा, क्या अब हमेशा इंसान को एक डर में रह के जीना पड़ेगा । सिर्फ इस डर में कि हमें घर से बाहर नहीं निकलना है क्योंकि हम एक बीमारी के संपर्क में आ जाएंगे । कभी कभी सोचती हूँ कि क्या हैं ज़िंदगी, हम आज हैं कल का पता ही नहीं ,क्या हो कल, कौन होगा कौन नहीं । फिर क्यों इंसान इतनी उलझनों में उलझा हुआ है । सब को पता है एक न एक दिन ऐसा आएगा जब हमारे लिए यह सब ख़त्म हो जाएगा । फिर क्यों हम दौड़-भाग कर रहें हैं ।
एक तरफ़ मन सोचता है जब एक दिन ज़िंदगी ही नही रहेगी तो कुछ करके क्या फ़ायदा क्यों हम हर उस चीज़ के पीछे भागते हैं जो हमें ख़ुशी देती है । क्या यह हमारा स्वार्थ है कि हम ज़िंदगी में कुछ करना चाहते है, कुछ मक़ाम हासिल करना चाहते हैं ? क्यों चाहते है यह हम ?
लेकिन फिर दूसरी ही तरफ़ मन करता है कि हमें एक बार ही ज़िंदगी मिली है तो क्यों न इसको अच्छी तरह से जिया जाए। किसी बीमारी किसी वायरस या किसी और मुश्किल की वजह से अपनी पूरी ज़िंदगी रोक दे यह भी तो गवारा नहीं है, क्यों रोके हम ख़ुद को। ऐसे वक्त मे हमे सबसे पहले अपने आप को जानना है अपने लिए कुछ करना है अपनी खुशी के लिए ।
देखा जाए तो ऐसे वक़्त में इंसान को ख़ुद के लिए कुछ करने का मौक़ा मिला है । चलती फिरती दुनिया में हम उसी दुनिया के हो जाते हैं जिस ने जो कहा हम उस तरफ चल देते हैं लेकिन मेरे लिए यह एक ऐसा वक़्त है जो हमें सिर्फ सो के नहीं गवाना है । इस शांत दुनिया में भी कुछ करके दिखाना है । नहीं सिर्फ़ दूसरों को खुश करने के लिए बल्कि अपनी ख़ुशी के लिए और अपने लिए कुछ करके दिखाना है ।
कभी कभी इंसान अपने बारे में सोचना भूल जाता है
अपनी हर ख़ुशी भूल जाता है वह दूसरों पर हावी हो जाता है
जो दूसरे करते हैं हम भी वैसा ही करने लगते हैं लेकिन अगर देखो तो हर कोई अपने लिए एक सुपर हीरो है, कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता बस आप जिसमें माहिर हैं वह करो ।
बेशक दुनिया रुकी है लेकिन यह देख के हमें रुकना नहीं है । किसी को नहीं पता कि इसके आगे क्या होगा हमारा भविष्य क्या है और जब हमें किसी बात का पता ही नहीं तो उस बात को लेकर हम क्यों दुःखी हों क्यों उस बात का शोक मनाये जो किसी को पता ही नहीं ,क्यों न आज के लिए जिये । जो आज का पल है पहले उस को जी लेते हैं अगर कल की फ़िक्र करने लगे तो हम अपने आज मे जीना भूल जाएंगे वैसे भी कल किसने देखा है ।
कल कभी नहीं आता जो है सब आज ही है ।।
ख़ुद को रोकना नहीं है बस आगे बढ़ते जाना है और कबीर जी ने कितने ख़ूबसूरत शब्दों मे लिखा है :-
काल करे सो आज कर आज करे सो अब
पल मे प्रेलय होगी, बहुरि करेगा कब
ऐसे वक़्त मे भी मैं बहुत से अलग अलग लोगों के साथ जुड़ी हूँ उनकी कहीं न कहीं मदद करना, उनसे मदद लेना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है । मैं अपने आप को बहुत ख़ुशनसीब मानती हूँ कि ऐसे वक़्त मे मुझे भी कुछ करने का मौक़ा मिला है बच्चों के लिए कुछ करने का मौक़ा मिला है उन्हे ऑनलाइन पढ़ाने का मौक़ा है । आज “इंटरनेट” हर किसी कि इस बदलती ज़िंदगी का हीरो बन गया है
शायद अगर आज इंटरनेट नही होता तो दुनिया थम सी जाती ऐसे समय मे क्या हालात होते कोई सोच भी नही सकता । लेकिन इंटरनेट ने ऐसे वक़्त में इंसान को रुकने नहीं दिया।
जब वक़्त अभी भी वैसा ही चल रहा है तो कोई क्यों रुके , जब हमें पता है वक़्त किसी के लिए रूकने वाला नहीं है तो हम क्यों । वक़्त रूकता तो नहीं है लेकिन बदलता अवश्य है
वक़्त बदलता है ज़िंदगी के साथ
ज़िंदगी बदलती है वक़्त के साथ
वक़्त रुकता नहीं है किसी के लिए तो
अब हम बदलेंगे इस बदलती दुनिया के साथ ।।
चाहे ज़िंदगी में बड़ा मुक़ाम हासिल ना हो, ज़िंदगी में कुछ ज़्यादा ना कर पाए, बड़ा आदमी ना बन पाए तो क्या हुआ लेकिन ज़िंदगी तो बड़ी मिली है तो इसको इस तरह से बदलते हैं, इस तरह से जीते हैं कि जैसे :-
ज़िंदगी हमें नहीं हम ज़िंदगी को मिले हैं ।।
बबली।